पवनमुक्तासन : जानिए करने का तरीका, फायदे और सावधानियां
पवनमुक्तासन (Pawanmuktasana) संस्कृत के दो शब्दों पवन (Pawan) और मुक्त (Mukta) से मिलकर बना है, जहां पवन का अर्थ हवा (Air) और मुक्त का अर्थ छोड़ना (Release) है।
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह आसन पेट के पाचन तंत्र (Digestive Tract) से अनावश्यक गैस को बाहर निकालने में मदद करता है। इसलिए इसे अंग्रेजी में हवा बाहर निकालने का आसन (Wind Releasing Pose) कहा जाता है। पवनमुक्तासन एक उत्कृष्ट आसन है, जो अच्छे पाचन के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
पवनमुक्तासन पेट एवं कमर की मांसपेशियों के खिंचाव को (Tone) करने में मदद करता है। खराब पाचन (Indigestion) की समस्याओं से पीड़ित मरीजों को आमतौर पर पवनमुक्तासन करने की ही सलाह दी जाती है। हालांकि शुरुआत में इस आसन को करने में थोड़ी कठिनाई जरूर होती है, लेकिन नियमित अभ्यास से पवनमुक्तासन को बड़े आसानी से किया जा सकता है।
आज हम आपको पवनमुक्तासन करने के तरीके, उससे होने वाले फायदे और सावधानियों के बारे में बताएंगे।
Table of Contents
- पवनमुक्तासन करने का तरीका (How To Do Pawanmuktasana)
- पवनमुक्तासन के फायदे (Benefits of Pawanmuktasana)
- पवनमुक्तासन करने में बरतें सावधानियां (Precautions for Pawanmuktasana)
- पवनमुक्तासन करने से पहले यह आसन करें
पवनमुक्तासन करने का तरीका (How To Do Pawanmuktasana)
पवनमुक्तासन करने का तरीका बहुत आसान है, लेकिन इस आसन का अभ्यास करने में आपको थोड़ी कठिनाई जरूर हो सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि इस आसन का अभ्यास सही तरीके से किया जाए। आइये जानते हैं पवनमुक्तासन करने का तरीका।
1. फर्श पर पेट के बल शवासन (Shavasana) मुद्रा में आराम से लेट जाइये।
2. अपने बाएं घुटने (Knee) को मोड़िए और जितना संभव हो सके उसे पेट के पास तक ले आइये।
3. अब सांस छोड़ते हुए अपने दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसायें और घुटनों के नीचे रखिए और उनकी सहायता से अपने बाएं घुटने से सीने को छूने की कोशिश कीजिए।
4. इसके बाद अपना सिर जमीन से ऊपर उठाइये और घुटने से नाक से छूने की कोशिश कीजिए।
5. सिर को ऊपर उठाने और नाक को घुटनों से छूने के बाद 10 से 30 सेकेंड तक इसी मुद्रा में बने रहिए और धीरे-धीरे सांस छोड़िये।
6. अब यही पूरी प्रक्रिया दाएं पैर से भी कीजिए और 3 से 5 बार इस मुद्रा को दोहराइये।